भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन दिनों में ही टेस्ट को खत्म कर दिया। कप्तान रोहित शर्मा ने शतक लगाया तो रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने गेंद से कमाल दिखाया। नागपुर में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 177 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारत ने 400 रन का स्कोर खड़ा किया और 223 रन की बढ़त हासिल की। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की टीम सिर्फ 91 रन पर सिमट गई और मैच पारी और 132 रन से हार गई।

टीम इंडिया की इस जीत के असली हीरो रवींद्र जडेजा। मैच खत्म होने के बाद उन्हे प्लेयर ऑफ द मैच के अवार्ड ने नवाजा गया। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया के दिग्गज ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने अपने गेंद और बल्ले से कमाल दिखाया। उन्होंने मैच में कुल सात विकेट लिए और 70 रन बनाए। जडेजा ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन वह जुर्माने से नहीं बच पाए। दरअसल रवींद्र जडेजा को आईसीसी के लेवल-1 नियम के उल्लंघनों का दोषी पाया।

ICC ने रवींद्र जडेजा पर लिया एक्शन

आईसीसी ने रवींद्र जडेजा पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया। 9 फरवरी यानी शनिवार को इस टेस्ट मैच के पहले दिन मैदानी अंपायरों की अनुमति के बिना अपने हाथ की सूजी हुई अंगुली पर क्रीम लगाने के लिए उनके खिलाफ यह एक्शन लिया है। आईसीसी ने माना की यह खिलाड़ियों और खिलाड़ी सहयोगी कर्मियों के लिए आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 का उल्लंघन है इसके बाद रवींद्र जडेजा पर मैच फिस का 25% जुर्माना लगा दिया गया।

आईसीसी ने अपने एक आर्टिकल में कहा, “रवींद्र जडेजा को खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के लिए आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 का उल्लंघन करते पाया गया, जो खेल भावना के विपरीत आचरण प्रदर्शित करने से संबंधित है।” आईसीसी ने बताया कि जडेजा ने अपराध स्वीकार कर लिया और औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी। मैदानी अंपायरों नितिन मेनन और रिचर्ड लिंगवर्थ, तीसरे अंपायर माइकल गॉफ और फोर्थ अंपायर केएन अनंतपद्मनाभन ने जडेजा पर आरोप लगाए थे।

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